कभी जीत में, कभी हार में,
कभी पतझड़, तो कभी बहार में,
अविचल पेड़ सा रहना होगा,
शायद यही जिंदगी है,
मुस्कुराकर जीना होगा।
कभी मान[..]
24 जनवरी , 2022
कभी जीत में, कभी हार में,
कभी पतझड़, तो कभी बहार में,
अविचल पेड़ सा रहना होगा,
शायद यही जिंदगी है,
मुस्कुराकर जीना होगा।
कभी मान[..]