सोचा था मैं भी लिखूँ, मातु-पिता पर छंद।
किंतु शब्द पाया नहीं, हूँ कितना मतिमंद।।
अनबन होना आम है, मित्र स्वजन के बीच।
मातु-पिता में दोष[..]
16 मार्च , 2023
सोचा था मैं भी लिखूँ, मातु-पिता पर छंद।
किंतु शब्द पाया नहीं, हूँ कितना मतिमंद।।
अनबन होना आम है, मित्र स्वजन के बीच।
मातु-पिता में दोष[..]