बदनसीबों पर ये मौसम मेहरबां नहीं होते।
किसी के भी हमदर्द ये तूफान नहीं होते।
सारे फलक को अपना समझ के जी लेता हूं,
मैं परिंदा हूं परिंदों के कहीं मकां नहीं होते।
बदनसीबों पर ये मौसम मेहरबां नहीं होते।
किसी के भी हमदर्द ये तूफान नहीं होते।
सारे फलक को अपना समझ के जी लेता हूं,
मैं परिंदा हूं परिंदों के कहीं मकां नहीं होते।