बदनसीबों पर ये मौसम मेहरबां नहीं होते।
किसी के भी हमदर्द ये तूफान नहीं होते।
सारे फलक को अपना समझ के जी लेता हूं,
मैं[..]
18 अप्रैल , 2024
18 अप्रैल , 2024
बदनसीबों पर ये मौसम मेहरबां नहीं होते।
किसी के भी हमदर्द ये तूफान नहीं होते।
सारे फलक को अपना समझ के जी लेता हूं,
मैं[..]
7 मार्च , 2024
उछल उछल कभी इधर गया,
उछल उछल कभी उधर गया।
देख देख कर मेरी उछलने,
शर्म से मेंढक तो मर गया।
[..]
13 फ़रवरी , 2024
बदलती चाहतें तेरी तेरा ईमान खो देगीं।
फलक की हसरतें तेरी, तेरी पहिचान खो देगीं।
अरे नादान रिश्ता जोड़ता है क्यों हवाओं से,
ये बनकर[..]
13 फ़रवरी , 2024
दोस्त भी था बचपन का, प्यार भी था।
हमसफ़र भी था और राजदार भी था।
क़सम खाई थी साथ जीने मरने की,
मैं समझ नहीं[..]
2 फ़रवरी , 2024
कोई अपना बिछड़ जाता है तो,
दिल में आग छोड़ जाता है।
ज़ख्म भर भी जाए तो क्या,
एक दाग छोड़ जाता है।[..]
2 फ़रवरी , 2024
मुश्किल हुआ अब ज़िगर के टुकड़े संभालना।
इस उम्र में आंसू भी नहीं बचे बहाने के लिए।[..]
2 फ़रवरी , 2024
बुरे वक्त का अब तक, अहसास बाकी है।
याद आ जाए तो,रात को नींद नहीं आती है।
[..]
10 जनवरी , 2024
तेरे लिए पल पल ये दिल मचलता रहा।
फिर भी मैं इन राहों पर तन्हा चलता रहा ।
खैर दीदार तो होते रहे हसीन तितलियों[..]
23 नवम्बर , 2023
रोटी की खातिर क्या क्या करना पड़ता है।
जीने के लिए पल-पल मरना पड़ता है ।
क्या कीमत है मेरी, शाहों के आंगन में,
पशु[..]
27 अक्टूबर , 2023
जो हर गम से अनजाना हो,वो मय मयखाना क्या जाने।
जब दिल ही ना हो सीने में,वो दिल का लगाना क्या जाने।
जो प्यार किसी[..]